यार चाहे अख़बार निकालो मगर एसी हेडलाइन मत रखो अधिकतर लोगों को यह परेशानी है के उनके दिन की शुरुआत अख़बार में रेप, हत्या, डकेती की खबरों को पढ़ कर होती है उन परेशां व्यक्तियों के लिए खास मज़ेदार खबरों की हेडलाइन जिसे पढ़ कर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाओगे।
1.प्यार का दर्द है
2.प्यार अब इतना भी अँधा नहीं होता
3.कैसा यह इश्क है, अज़ब सा रिस्क है
4.और घुसो मोबाइल में
5.यह तो बस अल्हा की मर्जी ही हो सकती है
6.क्या ?
7.ओए सोनू इश्क न करियो, ठुकाई हो जाती है