टीवी चैनल्स के लिए विज्ञापन कमाई का सबसे बड़ा जरिया होते हैं। तकरीबन हर छोटी-बड़ी कंपनी अपने प्रोडक्ट की पहुंच लोगों तक बनाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेती है। लेकिन कई बार इन विज्ञापनों में ऐसी चीजें भी दिखा दी जाती हैं, जो या तो लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं या फिर सेक्शुअलिटी और वल्गरिटी की वजह से इन्हें फैमिली के साथ नहीं देखा जा सकता है। ऐसे ही कुछ कॉन्ट्रोवर्शियल विज्ञापनों पर डालते हैं एक नजर, जिन्हें किसी न किसी वजह से टीवी पर बैन किया गया।
विज्ञापन : मैनफोर्स कंडोम
कब बना विज्ञापन : 2015
विवाद :सनी लियोनी पर फिल्माए गए इस ऐड का देशभर में विरोध हुआ था। कई पॉलिटिशियंस और समाजसेवी संस्थाओं का कहना था कि सनी का यह ऐड देश में रेप की घटनाओं का बढ़ावा देगा। खासकर ऐड की भाषा पर आपत्ति जताई गई थी। विवाद बढ़ने के बाद इसे बैन कर दिया गया था।
विज्ञापन : ड्यूरेक्स कंडोम
कब बना विज्ञापन : 2014
विवाद :रणवीर सिंह और एक मॉडल के बीच काफी बोल्ड सीन इस विज्ञापन में दिखाए गए थे। इसे फैमिली के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता था। फाइनली, इसके टेलीकास्ट पर रोक लगा दी गई।
विज्ञापन – कैलीडा।
कब बना विज्ञापन – 1998
विवाद -ऐड में एक्टर डीनो मोरिया एक्ट्रेस विपाशा बसु की पैंटी को अपने दांतों से खींचते हुए दिखाई देते हैं। कई महिला संगठनों द्वारा विरोध के बाद ऐड पर बैन लगा दिया गया। विपाशा का भी कहना था कि वो निजी पल थे, जिसका इस्तेमाल करना गलत है।
विज्ञापन – टफ शू
कब बना विज्ञापन – 1995
विवाद -विज्ञापन में सुपरमॉडल मिलिंद सोमण और मधु सप्रे टफ शू पहने दिखते हैं। इन दोनों ने जूतों के अलावा और कुछ नहीं पहना और अजगर को अपने गले से लपेटा हुआ है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अजगर के गलत इस्तेमाल के चलते बैन हुआ।